#पवित्र_बीजक : #प्रज्ञा बोध : #शब्द : ४ : संतो देखत जग बौराना !
#शब्द : ४ :
संतो देखत जग बौराना : १
साँच कहों तो मारन धावै, झूठे जग पति याना : २
नेमी देखा धर्मी देखा, प्रात करे अस्नाना : ३
आतम मारि पषाणहि पूजे, उनमें किछउ न ज्ञाना : ४
बहुतक देखा पीर औलिया, पढ़ें कितेब कुराना : ५
कै मुरीद तदबीर बतावै, उनमें उहै जो ज्ञाना : ६
आसन मारि डिम्ब धरि बैठे, मन में बहुत गुमाना : ७
पीतर पथार पूजन लागे, तीरथ गर्भ भुलाना : ८
टोपी पहिरे माला पहिरे, छाप तिलक अनुमान : ९
साखी शब्द गावत भूले, आतम खबरि न जाना : १०
हिन्दू कहैं मोहिं राम पियारा, तुरूक कहैं रहिमाना : ११
आपुस में दोउ लरि लरि मूये, मर्म न काहु जाना : १२
घर घर मन्तर देत फिरत हैं, महिमा के अभिमाना : १३
गुरु सहित शिष्य सब बूड़े, अन्त काल पछिताना : १४
कहहि कबीर सुनो हो संतो, ई सब भरम भुलाना : १५
केतिक कहों कहा नहिं माने, सहजे सहज समाना : १६
#शब्द_अर्थ :
पतियाना = विश्वास करना ! पीर = मुस्लिमोके गुरु ! राम = चेतन राम , राजा राम ! तुरक = तुर्की मुस्लिम धर्म ! ओंलिया = तपस्वी ! मुरीद = शिष्य ! तदबीर = युक्ति ! उहै = भ्रमपूर्ण ! डिम्ब = दंभ , दिखावा ! गुमान = घमंड ! रहिमाना = दयालु , चेतन राम ! सहजे सहज = सरलता से !
#प्रज्ञा_बोध :
धर्मात्मा कबीर कहते हैं हे संतो मैने देखा लोग धर्म जानते नही और अधर्म के पिछे पागलों की तरह दीवाने हुवे है ! मैं सत्य कहता हू तो लोग मुझे गाली देते है मारने दौड़ते है और अधर्म को धर्म बताने वाले उन धर्मो के ठेकेदार पंडे मौलवी की झूठी बातो पर विश्वास रखते है ! मैंने इन पाखंडी पांडे पूजारी मौलवी को देखा है सबेरे उठकर नहा धोकर तयार होते है , तिलक चंदन टोपी माला गमछा आदि अपने अपने धर्म के आवरण धारण कर सबेरे सबेरे नए झूठ , नए फरेब , अल्ला ईश्वर के नाम से जीव हत्या के लिए तैयार रहते है !
देवी देवता की पत्थर पूजा और कुरान का हवाला देकर प्राणी हत्या दोनो अधर्म है ! स्वर्ग नरक , अप्सरा हूरें का भ्रम फैलाए ये लोगों ने बड़े बड़े अपने शिष्य के हुजुम अखाड़े अड्डे बनाए है जिसके माध्यम से झूठा मुर्खोंका अंध विश्वास भविष्य बताने का धंधा , भूत प्रेत उतरने का धंधा फंदा , संकट मोचन के लिए पूजा असत्य नारायण होम हवन आदि विवीध मार्ग इन लोगों ने भोले भाले आम लोगोंको ठगने के लिऐ बनाए है ! उपारसे ये लोग बड़े घमंडी भी होते है अपने अज्ञान को ये लोग ज्ञान कहते है !
कबीर साहेब कहते है हिन्दू राजा राम को ईश्वर का अवतार मानते है और मुस्लिम मोहम्मद को अल्लाह का प्रेषित ! पर कबीर साहेब न अवतार को मानते है न कोइ ईश्वर का दूत हैं , न ईश्वरी किताब की बतोंको वे इसे कोरी कल्पना मानते हैं ! कबीर साहेब चेतन राम मानते है , अवतारी राजा राम नही और बताते है चेतन राम घट घट है , कण कण में है समस्त संसार व्यापी है ! उसने मानव में विवेक , परख करने की शक्ति दी है उसका उपयोग करो ऐसा कबीर साहेब कहते है !
दोनो विदेशी धर्म विदेशी यूरेशियन वैदिक ब्राह्मणधर्म और विदेशी तुर्की मुस्लिम धर्म के लोगोके के बहकावे में मत आवो और अपना मूलभारतीय हिंदूधर्म का पालन करो यही बात कबीर साहेब कहते है !
#धर्मविक्रमादित्य_कबीरसत्व_परमहंस
#दौलतराम
#जगतगुरु_नरसिंह_मूलभारती
#मूलभारतीय_हिन्दूधर्म_विश्वपीठ
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